अगर आप नाभि पर हल्दी लगाते हैं, तो यह आत्मा और परमात्मा के बीच आध्यात्मिक संबंध बनाने में मदद करता है।
इस स्थान पर तिलक लगाने से आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा मिलता है और आपको ईश्वर पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों में ही नाभि में हल्दी का तिलक लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। इसे कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा जाता है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है: नाभि शरीर के केंद्र में होती है और पाचन तंत्र से जुड़ी होती है। हल्दी का तिलक लगाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है, कब्ज और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
पीरियड्स के दर्द में राहत: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला: हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
तनाव कम करता है: हल्दी की खुशबू दिमाग को शांत करती है और तनाव कम करने में मदद करती है।
ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है: हल्दी शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाती है और थकान दूर करती है।
त्वचा के लिए फायदेमंद: हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं और उसे चमकदार बनाते हैं।
आध्यात्मिक विकास: नाभि को आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है। हल्दी का तिलक लगाने से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
सिरदर्द में लाभ: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
पेट की सूजन कम करता है: हल्दी पेट की गैस और सूजन को कम करने में मदद करती है।
सौभाग्य का प्रतीक: हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। नाभि में हल्दी का तिलक लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नाभि में हल्दी का तिलक लगाने के लिए आप हल्दी पाउडर को नारियल के तेल या घी में मिला सकते हैं।रात को सोने से पहले नाभि में हल्दी का तिलक लगाना सबसे अच्छा होता है।