इसकी तासीर गर्म होती है. सर्दी के दिनों में तेज पत्ते का सेवन करने से सर्दी-खांसी दूर रहती है।

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और सिरदर्द जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है: तेज पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इससे अपच, एसिडिटी, गैस और पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

मधुमेह को नियंत्रित करता है: तेज पत्ते में मौजूद यूजेनॉल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है।

वजन कम करने में मदद करता है: तेज पत्ता शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और फैट बर्न करने में मदद करता है। यह वजन कम करने में मददगार है.

सर्दी और खांसी से बचाता है: तेज पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो सर्दी और खांसी को रोकने में मदद करते हैं। इससे खांसी, गले में खराश और बुखार जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।

जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है: तेज पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद: तेज पत्ते में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह मुंहासों, झुर्रियों और त्वचा की अन्य समस्याओं से राहत दिलाता है।

बालों के लिए फायदेमंद: तेजपत्ता बालों को मजबूत और घना बनाने में मदद करता है। इससे बालों का झड़ना और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

सर्दी या खांसी के कारण शरीर में दर्द होने पर तेज पत्ते का काढ़ा पीने से राहत मिलेगी। यह काढ़ा सर्दी, फ्लू और संक्रमण के लक्षणों से लड़ने में भी कारगर है। सिरदर्द होने पर तेज पत्ते का काढ़ा पीने से दर्द से राहत मिलती है।

इन्हें बिना किसी नुकसान के खाया जा सकता है। हालाँकि, पकाने के बाद भी वे कठोर बने रहते हैं

उन्हें पूरा या बड़े टुकड़ों में निगल लिया जाए तो दम घुटने का खतरा हो सकता है या पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है।

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