हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों को ही भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

युग का अंतर: भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था, जबकि भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। त्रेता युग को द्वापर युग से पहले का युग माना जाता है।

अवतार क्रम: विष्णु के अवतारों के क्रम के अनुसार, भगवान राम सातवें अवतार थे और भगवान कृष्ण आठवें अवतार थे।

महाकाव्य: भगवान राम की कहानी रामायण में और भगवान कृष्ण की कहानी महाभारत में विस्तार से वर्णित है।

कालक्रम: रामायण को महाभारत से पहले की घटना माना जाता है। इसलिए, कालक्रम के अनुसार, भगवान राम का जन्म भगवान कृष्ण से पहले हुआ था।

जन्मस्थान: भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, जबकि भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था।

लीला: भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों ने अपने-अपने जीवनकाल में कई लीलाएँ कीं, जिनका वर्णन पुराणों में मिलता है।

भक्तों की आस्था: हिंदू धर्म में दोनों देवताओं को बहुत सम्मान दिया जाता है और उनके भक्तों की संख्या करोड़ों में है।

भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों को मर्यादा पुरुषोत्तम माना जाता है।

सांस्कृतिक प्रभाव: भगवान राम और भगवान कृष्ण दोनों का भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर गहरा प्रभाव है।

दोनों देवताओं ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया और अंततः जीत हासिल की।

दोनों देवताओं की कहानियाँ हमें धर्म, नैतिकता और आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं।

कुछ श्लोक और मंत्र हैं, जिनमें कृष्ण के विभिन्न नामों का उल्लेख है। कृष्ण उनका असली नाम  शास्त्रों के अनुसार, कृष्ण उनके नामों में से एक है, और उन्हें सबसे अधिक इसी नाम से जाना जाता है।

कृष्ण के विभिन्न नामों के पीछे कई अर्थ छिपे हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कृष्ण उनका असली नाम नहीं है, क्योंकि उन्हें कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है।

कृष्ण के विभिन्न नामों का जाप करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक विकास होता है।

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