निकट दृष्टिदोष (Myopia) में तेजी से वृद्धि: क्या कारण है?

निकट दृष्टिदोष यानी दूर की चीजें धुंधली दिखना, हाल के दशकों में काफी आम हो गया है।

दृष्टिदोष

आंकड़े बताते हैं कि अगर यही रफ्तार रही तो 2050 तक आधी दुनिया को चश्मे की जरूरत पड़ेगी।

2050

आमतौर पर माता-पिता को निकट दृष्टिदोष हो तो बच्चों में भी होने का खतरा ज्यादा होता है।

दृष्टिदोष के पीछे का विज्ञान

निकट दृष्टिदोष जीन (gene) की वजह से नहीं, बल्कि आदतों से ज्यादा जुड़ा है।

निकट दृष्टिदोष जीन

शोधकर्ताओं ने चूजों के बच्चों पर अध्ययन कर निकट दृष्टिदोष को समझने की कोशिश की है।

चूजों के बच्चों

इन चूजों को विशेष हेलमेट पहनाए जाते हैं, जिनपर लगा लेंस उनकी आंखों तक जाने वाली रोशनी को प्रभावित करता है।

हेलमेट पहनाए

इन अध्ययनों से पता चला है कि इंसानों की तरह ही अगर चूजों को धुंधला दिखाई दे, तो उनकी आंखें ज्यादा बड़ी हो जाती हैं, जिससे निकट दृष्टिदोष होता है।

आंखें ज्यादा बड़ी हो

यह एक चक्रवर्ती प्रक्रिया है, यानी धुंधला दिखने से आंखें बढ़ती हैं, जिससे फिर धुंधला दिखता है और आंखें और बढ़ती हैं।

चक्रवर्ती प्रक्रिया

ज्यादा समय पास में चीजों को देखने से निकट दृष्टिदोष का खतरा

निकट दृष्टिदोष

बच्चों और उनके माता-पिता पर किए गए हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि निकट की चीजों को ज्यादा देर तक देखने से निकट दृष्टिदोष का खतरा बढ़ जाता है।

माता-पिता पर

इसमें किताब पढ़ना, मोबाइल या टैबलेट देखना या कोई भी चीज शामिल है जिसे हम हाथ की दूरी पर देखते हैं।

कई लोग नई टेक्नोलॉजी और स्क्रीन टाइम को आंखों के लिए खराब मानते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि किताब पढ़ने जैसी अच्छी आदत भी आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है।

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