भारत का साउंडिंग रॉकेट 1963 में लॉन्च किया गया था। शाम का समय 6.30 बजे थें । रॉकेट लॉन्च किया गया. इशरो की शुरुआत यहीं से हुई.

भारत का साउंडिंग रॉकेट 1963 में लॉन्च किया गया था। शाम का समय 6.30 बजे थें । रॉकेट लॉन्च किया गया. इशरो की शुरुआत यहीं से हुई.

होमी जहांगीर बाबा ने इसे लॉन्च करने के लिए तिरुवनंतपुरम के पास खुबा में एक चर्च को चुना, जो  Father  परेरा का घर था,मछुआरे के घर को लॉन्च साइट बनाया गया।

होमी जहांगीर बाबा ने इसे लॉन्च करने के लिए तिरुवनंतपुरम के पास खुबा में एक चर्च को चुना, जो  Father  परेरा का घर था,मछुआरे के घर को लॉन्च साइट बनाया गया।

1979 में जब पहली बार सैटेलाइट लॉन्च किया गया तो यह CRACH होकर बंगाल की खाड़ी में गिर गया,

1979 में जब पहली बार सैटेलाइट लॉन्च किया गया तो यह CRACH होकर बंगाल की खाड़ी में गिर गया,

1979 का विफलता का  प्रक्षेपण एक बहुत बड़ा लाभ था क्योंकि विफलता भी 50% सफलता थी

1979 का विफलता का  प्रक्षेपण एक बहुत बड़ा लाभ था क्योंकि विफलता भी 50% सफलता थी

क्योंकि किसी चीज़ को पृथ्वी के मुख से ऊपर उठाना ISHRO के लिए बहुत बड़ी बात थी

1980 में उस विफलता से  मिशन को फिर से SUCCESSFUL में बदल दिया गया इसके बाद भारत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

बैलगाड़ी पर रॉकेट लेकर चलने वाला इसरो चांद और मंगल तक पहुंच गया. 2008 में लॉन्च किया गया चंद्रयान-1, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की, इशरो की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।

बैलगाड़ी पर रॉकेट लेकर चलने वाला इसरो चांद और मंगल तक पहुंच गया. 2008 में लॉन्च किया गया चंद्रयान-1, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज की, इशरो की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।

2013 में भारत ने बेहतरीन तकनीक से लैस मार्स ऑर्बिटर लॉन्च किया, यह मिशन अपने पहले ही मिशन में सफल रहा। यानी भारत ने वो कर दिखाया जो दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया.

2013 में भारत ने बेहतरीन तकनीक से लैस मार्स ऑर्बिटर लॉन्च किया, यह मिशन अपने पहले ही मिशन में सफल रहा। यानी भारत ने वो कर दिखाया जो दुनिया का कोई देश नहीं कर पाया.

2017 में इसरो ने एक ही रॉकेट से 103 नैनो सैटेलाइट लॉन्च कर पूरी दुनिया को परेशान कर दिया था