चुकंदर में उच्च मात्रा में नाइट्रेट होता है, जो पाचन तंत्र में नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।

रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। इससे रक्त के थक्के बनने की संभावना कम हो जाती है।

एक अध्ययन में पाया गया कि चुकंदर का रस पीने से रक्त का थक्का बनने का समय 20% तक कम हो सकता है।

चुकंदर का रस पीने से रक्तचाप कम हो सकता है, जिससे रक्त के थक्कों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

100 ग्राम चुकंदर में नाइट्रेट की मात्रा लगभग200 मिलीग्राम होती है।

नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है। इससे रक्त के थक्के बनने की संभावना कम हो जाती है।

दरअसल, चुकंदर में नाइट्रेट की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिसे पाचन तंत्र नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल देता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड शरीर में खून को पतला करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है।

नाइट्रिक ऑक्साइड शरीर में खून को पतला करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है।

जिन लोगों का शुगर लेवल पहले से ही बढ़ा हुआ है उन्हें भूलकर भी चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए।

दरअसल, चुकंदर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है।

इस वजह से हाई ब्लड शुगर वाले लोगों को चुकंदर का सेवन करने से बचना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि चुकंदर के अधिक सेवन से लीवर की समस्या भी हो सकती है।

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