अमोल पालेकर एक्टर बनने से पहले थिएटर जगत में डायरेक्टर के रूप में एक्टर बनकर अपनी पहचान बना चुके थे।
बासु चटर्जी, निज़ामुद्दीन मुखर्जी जैसे दिग्गज फिल्म निर्देशक अमोल का नाटक देखने आये थे। साल1971 में सत्यदेव दुबे की मराठी फिल्म 'शांतता कोर्ट चालू है' से अभिनय शुरू हुआ।
इसके बाद 1972 में आई फिल्म 'पिया का घर' हिंदी फिल्म में बच्चन (जया बच्चन) के अपोजिट बासु चटर्जी ने एक्टर हीरो कास्ट लिया था।
लेकिन अमोल पालेकर ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर बासु सहम गए और उन्हें बाहर निकाल दिया गया.
पालेकर बेहद सामान्य और सुखी जीवन जी रहे हैं। उनकी पत्नी सुजाता पालेकर एक बेहद मशहूर मराठी अभिनेत्री हैं और उनकी एक बेटी भी है।
पालेकर एक बहुत ही सच्चे और स्पष्टवादी व्यक्ति हैं। वे कभी-कभी अपने विचार व्यक्त करने से डरते नहीं हैं। उनके सवाल भी उनकी इस बात को पसंद करते हैं.
पालेकर बहुत अच्छे लेखक भी हैं। उन्होंने कुछ किताबें और कहानियाँ भी लिखी हैं। उनकी किताब 'धोबी घाट' को बहुत प्यार मिला और इस पर फिल्म भी बनी.
अपने अभिनय करियर के अलावा, पालेकर ने कुछ फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया है, जैसे "पहेली" (2005) और "धूप" (2003)। उनके द्वारा निर्देशित फिल्मों में "पहेली" को बहुत प्यार मिला।
पालेकर ने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म "रजनीगंधा" (1974) से की, जो गुलज़ार द्वारा निर्मित और बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित थी। यह फिल्म बेहद हिट रही और पालेकर को रातों-रात स्टार बना दिया।
पालेकर ने अपनी पढ़ाई मुंबई में की और बाद में उन्हें वहां भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में प्रवेश मिला। उन्होंने 1969 में FTII से अपनी पढ़ाई पूरी की और बाद में अपना अभिनय करियर शुरू किया।
पालेकर का जन्म 24 नवम्बर 1944 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता एक मराठी लेखक और अनुवादक थे और उनकी माता एक गृहिणी थीं।
अमोल पालेकर एक बेहद मशहूर मराठी और हिंदी अभिनेता, निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मराठी थिएटर से की और बाद में
टीनएजर कुमार की आवाज में इस फिल्म का एक गाना 'ये जिंदगी है' आज भी गुनगुनाता है। उन्हें हिंदी सिनेमा में भी अपने लिए खास जगह बनानी पड़ी
इस फ़िल्म में अनिल की जगह सबसे पहले अमोल पालेकर को कास्ट किया गया था, लेकिन फ़िल्म में उनके हाथ छूट गए।