क्या रोहित शर्मा को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए?

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा हाल के दिनों में अपने प्रदर्शन को लेकर सवालों के घेरे में हैं। ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों पर ही गंभीरता से चर्चा हो रही है।

एक तरफ जहां उनके प्रशंसक इस स्थिति से निराश हैं, वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना है

रोहित शर्मा के टेस्ट करियर में फॉर्म ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है। लेकिन हालिया प्रदर्शनों ने उनके खेल की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रोहित शर्मा ने अपनी पिछली 11 टेस्ट पारियों में एक भी शतक नहीं लगाया है।उन्होंने इन 11 पारियों में सिर्फ एक बार अर्धशतक लगाया है।

अक्सर देखा जाता है कि रोहित शुरुआती ओवरों में अपना विकेट गंवा देते हैं, जिसके कारण टीम को मजबूत शुरुआत नहीं मिल पाती।

टेस्ट क्रिकेट में उनकी यह कमजोरी टीम इंडिया को लगातार नुकसान पहुंचा रही है।

एक कप्तान और सीनियर खिलाड़ी होने के नाते टीम को संभालना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन हालिया आंकड़े बताते हैं

एक अच्छे कप्तान की पहचान उसकी रणनीति और मैदान पर लिए गए फैसलों से होती है।

रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई बार देखा है कि उनकी कप्तानी रक्षात्मक होती है।

आक्रामक फील्डिंग सेट करने में विफल रहते हैं और विपक्षी बल्लेबाजों को रन बनाने के मौके देते हैं।

रोहित की कप्तानी में भारत को घरेलू धरती पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा।

जिनकी वजह से रोहित के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की मांग जोर पकड़ रही है।

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