मेहंदी कला एक प्राचीन और सुंदर कला है जिसका उपयोग हाथों और पैरों की सजावट के लिए किया जाता है। यह एक प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक परंपरा है 

मेहंदी कला हाथों और पैरों पर विभिन्न आकृतियों में मेंहदी का पेस्ट लगाने की कला है। ये आकृतियाँ सफेद, लाल, भूरे और हरे रंग की हैं और इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती हैं।

मेहंदी कला का महत्व शादी, त्योहार और सामाजिक अवसरों पर जश्न मनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, इसके विविध डिजाइन और आकार भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं

मेहंदी कला का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ऐसा माना जाता है कि मेहंदी कला ईसा पूर्व 5000 साल पहले शुरू हुई थी।

इस कला की शुरुआत शुरुआत में मुंबई और नागपुर राज्यों में हुई, जहां मेंहदी को एक जादुई औषधि माना जाता था जो महिलाओं के स्वास्थ्य और सुंदरता को बढ़ावा देती थी।

समय के साथ, मेहंदी कला ने अपना डिज़ाइन और उपयोग बदल दिया है। प्राचीन समय में, मेहंदी कला में मुख्य रूप से पौराणिक कथाओं, चंद्रमा, सितारों और पौधों के रूपांकनों का उपयोग किया जाता था।

परंपरागत रूप से, यह धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर महिलाओं के हाथों और पैरों को सजाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।

मेहंदी के कई खास तरह के डिजाइन होते हैं, जो आमतौर पर खास मौकों के लिए बनाए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रकार के मेहंदी डिज़ाइन और उनकी विशेषताएं दी गई हैं

राजस्थानी मेहंदी डिजाइन: इसमें फूल, पत्तियां और गुलाब की आकृतियाँ हैं जो संवेदनशील और सुंदर हैं।

मेहंदी डिजाइन में अलग-अलग आकृतियों का अहम स्थान होता है। ये आकृतियाँ मेहंदी कला को सुंदर और आकर्षक बनाती हैं और अलग-अलग संदेशों को संवेदनशीलता से दर्शाती हैं।

ये आकृतियाँ मेहंदी कला में रंगीनता और शैली लाती हैं और विभिन्न अवसरों पर महिलाओं के हाथों को सजाने का एक महत्वपूर्ण तरीका हैं।

मेहंदी कला धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो विवाह, त्योहारों और विशेष अवसरों पर महिलाओं के हाथों और पैरों को सजाने की एक प्राचीन और प्रिय प्रथा है।

 इसका उतना ही साहित्यिक महत्व भी है क्योंकि मेहंदी कला का उल्लेख कई कहानियों और गीतों में भी किया गया है।

मेहंदी कला को विभिन्न लोककथाओं और पुराणों में भी महत्वपूर्ण माना गया है, जो समाज में उत्सव और खुशी का प्रतीक है।

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