मगरमच्छ की पीठ और पूंछ कठोर बख्तर से ढकी होती है, लेकिन उनका पेट नरम होता है। मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं और वे विभिन्न प्रकार के जानवरों का शिकार करते हैं, जिनमें मछली, पक्षी, स्तनधारी और सरीसृप शामिल हैं।
नरम पेट
यदि कोई शिकारी उनके पेट पर वार करता है, तो उन्हें गंभीर चोट लग सकती है। मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं और वे विभिन्न प्रकार के जानवरों का शिकार करते हैं, जिनमें मछली, पक्षी, स्तनधारी और सरीसृप
शिकारी
मगरमच्छ के कान और नाक उनके सिर के ऊपर होते हैं। जब वे पानी में होते हैं, तो ये अंग उजागर हो जाते हैं। शिकारी इन अंगों पर हमला करके मगरमच्छ को कमजोर कर सकते हैं।
कान और नाक
मगरमच्छ की आंखें भी उनके सिर के ऊपर होती हैं। वे पानी के ऊपर होने पर तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील होते हैं। शिकारी तेज रोशनी का उपयोग करके मगरमच्छ को भ्रमित कर सकते हैं।
आंखें
उन्हें ठंडे तापमान में सक्रिय रहने के लिए धूप सेंकने की आवश्यकता होती है। यदि वे बहुत अधिक ठंडे हो जाते हैं, तो वे सुस्त और कमजोर हो जाते हैं।
धूप सेंकने की
मगरमच्छ पानी में तेज़ होते हैं, लेकिन वे जमीन पर धीमे होते हैं। यदि कोई शिकारी उन्हें पानी से बाहर निकाल सकता है, तो वे आसान लक्ष्य बन जाते हैं।
तेज गति
मगरमच्छ अपने अंडे जमीन पर देते हैं, जो शिकारियों के लिए आसान लक्ष्य होते हैं। कई अंडे शिकारियों द्वारा खा लिए जाते हैं, जिससे मगरमच्छों की आबादी कम हो जाती है।
अंडे:
मगरमच्छों को उनके प्राकृतिक आवासों के विनाश और प्रदूषण से खतरा है। मनुष्य मगरमच्छों का शिकार भी करते हैं, उनके मांस और चमड़े के लिए।
मानव गतिविधि
मगरमच्छ आमतौर पर अकेले रहने वाले शिकारी होते हैं। वे घात लगाकर हमला करते हैं, शिकार को पानी के नीचे खींचते हैं और उसे डुबो देते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है