गर्म करने से H5N1 वायरस का खात्मा: अच्छी खबर! जाने क्या है
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोध से पता चलता है कि पेस्ट्रेशन (गर्म करने की प्रक्रिया) से एवियन इन्फ्लूएंजा का खतरा कम हो जाता है।
यह एक अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (एचपीएआई) है, जो दुनिया भर में पोल्ट्री फार्मों को प्रभावित कर रहा है, तथा कुछ मामलों में डेयरी मवेशियों को भी प्रभावित कर रहा है।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दूध में पाए जाने वाले इन्फ्लूएंजा वायरस को निष्क्रिय करने में पाश्चुरीकरण की प्रभावशीलता का अध्ययन किया।
शोधकर्ताओं ने दूध को 63°C पर 30 मिनट तक तथा 72°C पर 15 सेकंड तक पास्चुरीकृत किया।
दोनों तापमानों पर पाश्चुरीकरण के बाद, दूध में मौजूद किसी भी वायरस की संक्रामकता तेजी से कम हो गई।
शोध से पता चलता है कि उद्योग-मानक पाश्चुरीकरण प्रक्रिया गाय के दूध में H5N1 वायरस को निष्क्रिय कर सकती है।
यद्यपि अध्ययन सकारात्मक है, फिर भी शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि कच्चे दूध से अभी भी H5N1 वायरस के संचरण का खतरा हो सकता है।
यह अध्ययन उपभोक्ताओं को आश्वस्त कर सकता है कि पाश्चुरीकृत दूध पीने से H5N1 वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है।
कच्चा दूध पीने से बचें और हमेशा पाश्चुरीकृत दूध उत्पादों का सेवन करें।
भोजन को छूने से पहले और बाद में अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं।
पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पशुओं के स्वास्थ्य पर नजर रखें तथा किसी भी असामान्य लक्षण की सूचना दें।
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