स्वर्ण मंदिर, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित सिखों का सबसे पवित्र मंदिर है।  

यह दुनियाभर के सिखों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है और हर साल लाखों लोग इसे देखने आते हैं।  

स्वर्ण मंदिर अपने भव्य वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है।

स्वर्ण मंदिर का निर्माण 1571 में सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव जी ने करवाया था।

मंदिर का निर्माण करने के लिए जमीन मुगल बादशाह अकबर ने दान की थी।

मंदिर की नींव एक मुस्लिम संत, साईं मिया मीर ने रखी थी।

स्वर्ण मंदिर की संरचना एक कमल के फूल के आकार की है।

मंदिर के चारों ओर एक कृत्रिम झील है, जिसे "सरवोर" कहा जाता है।

स्वर्ण मंदिर में सभी धर्मों के लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क है।

मंदिर के चारों ओर एक बड़ा रसोईघर है, जहां मुफ्त भोजन तैयार किया जाता है  

स्वर्ण मंदिर को कई बार नष्ट किया गया है, लेकिन हर बार इसे फिर से बनाया गया है।

स्वर्ण मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

स्वर्ण मंदिर की छत पर 360 संगमरमर के खंभे हैं, जो 360 सिखों के दर्शन को दर्शाते हैं।

 मंदिर के चारों ओर की झील को "अमृतसर" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "अमृत का शहर"।

 स्वर्ण मंदिर की सीढ़ियां नीचे की ओर जाती हैं, जो सिखों के गुरुओं के दर्शन करने के लिए नीचे आने का प्रतीक है।

मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगेगी।