स्वामी विवेकानंद: युवाओं के लिए एक रोशनी
स्वामी विवेकानंद ने कहा दुनिया को बदलना चाहते हो, तो पहले खुद को बदलो।
तुम जो चाहो, वह बन सकते हो। तुम जो सोचो, वह कर सकते हो।
युवाओं, तुम ही इस देश के भविष्य हो। तुम ही इस देश को महान बना सकते हो।
एक बार, स्वामी विवेकानंद एक युवा महिला से मिले जो अपने देश में सामाजिक न्याय के लिए काम कर रही थी।
उसने स्वामी विवेकानंद से कहा कि वह अक्सर लोगों की अस्वीकृति और विरोध का सामना करती है।
स्वामी विवेकानंद ने उसे अपने देश और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने उसे बताया कि वह जो कर रही है, वह महत्वपूर्ण है
और वह दुनिया में बदलाव ला सकती है। युवा महिला को स्वामी विवेकानंद के शब्दों से प्रेरणा मिली और उसने अपने काम को जारी रखा।
एक बार, स्वामी विवेकानंद एक युवा समूह से मिले।
उन्होंने उन्हें शांति, प्रेम और सद्भाव के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने उन्हें बताया कि दुनिया को बदलने के लिए, पहले खुद को बदलना होगा।
युवा समूह को स्वामी विवेकानंद के शब्दों से प्रेरित किया गया और उन्होंने अपने समुदाय में शांति और सद्भाव बढ़ाने के लिए काम करना शुरू कर दिया।