गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में अयोध्या रामलला मंदिर में रामलला की सेवा में बदलाव किए गए हैं। गर्मी के मौसम के कारण प्रभु राम की सेवा में बदलाव किए गए हैं। राग, भोग और वस्त्र गर्मी के हिसाब से बदले गए हैं।

रामलला को अब गर्मी के मौसम में गोटेदार सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। सुंदर सूती वस्त्रों में उनके मनमोहक रूप के दर्शन हो रहे हैं। वस्त्र के साथ-साथ उनके भोग में भी बदलाव किया गया है।

रामलला के भोग में किया गया बदलावसूती वस्त्र से ठंडक महसूस होती है। राम लला को पहले भोग के रूप में रबड़ी और खीर अर्पित किए जाते थे, लेकिन अब दही का भी भोग लगाया जा रहा है।

ऋतु के अनुसार भोजन: गर्मी के मौसम में, रामलला को ठंडे और ताज़े भोग परोसे जाते हैं, जैसे दही, खीर, रबड़ी, फल और फलों का रस।

पौष्टिकता का ध्यान: भोग में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं, जैसे कि मेवे, दूध, दही और मौसमी फल।

विविधता: भोजन में विभिन्न प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं, ताकि रामलला को विभिन्न प्रकार के स्वादों का आनंद मिल सके।

सादगी: भोग सादा और स्वादिष्ट होता है, जिसमें बहुत अधिक मसाले या तेल का उपयोग नहीं होता है।

भोग का समय: रामलला को दिन में तीन बार भोग अर्पित किया जाता है - सुबह, दोपहर और शाम को।

भोग की प्रस्तुति: भोग को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है, ताकि रामलला को भोजन देखकर ही प्रसन्नता हो।

भक्तों का योगदान: भक्त भोग में अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन दान करते हैं।

नैवेद्य: भोग के साथ, रामलला को ताजे फल, फूल और जल भी अर्पित किया जाता है।

आरती: भोग लगाने से पहले और बाद में रामलला की आरती की जाती है।

भोग का प्रसाद: भोग को ग्रहण करने के बाद, प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया जाता है।

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