महात्मा गांधी की स्थायी विरासत: उनकी 154वीं जयंती मना रहा है

ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के संघर्ष में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था

आज हम उनकी 154वीं जयंती मनाते हैं और उनके अहिंसा, सत्य और मानवता के प्रति प्रेम के सिद्धांतों को याद करते हैं

गांधी की विरासत दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित विरासतों में से एक है। वह एक ऐसे नेता थे

जिन्होंने लाखों लोगों को अपने अधिकारों और आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया

अहिंसा और सविनय अवज्ञा के उनके दर्शन को दुनिया भर के कई नेताओं ने अपनाया है। उनका मानना था

अहिंसक प्रतिरोध परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी तरीका है

गांधी जी का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा। आज़ादी और न्याय की तलाश में उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा

उन्होंने कभी हार नहीं मानी और जिस चीज में वे विश्वास करते थे उसके लिए लड़ते रहे

अपने सिद्धांतों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरित किया।

गांधीजी के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक नमक यात्रा थी।

1930 में उन्होंने ब्रिटिश नमक कर के विरोध में एक मार्च का नेतृत्व किया। मार्च 24 दिनों तक चला और 240 मील की दूरी तय की

यह एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन था जिसने पूरे भारत से हजारों लोगों को आकर्षित किया। नमक मार्च भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ था

इसने एक नए युग की शुरुआत की।