मनुष्य की सबसे बुरी आदत अहंकार है। अहंकार के कारण मनुष्य दूसरों को नीचा दिखाने, उनसे बढ़कर दिखाने की कोशिश करता है।
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यह आदत मनुष्य को क्रोध, ईर्ष्या, घृणा आदि बुरी भावनाओं की ओर ले जाती है। अहंकार के कारण मनुष्य स्वयं को दूसरों से अलग समझता है और दूसरों के साथ सहयोग करने से इंकार कर देता है।
·झूठ बोलना: झूठ बोलना एक ऐसी आदत है जो मनुष्य के विश्वास को खो देती है। झूठ बोलने से मनुष्य का आत्मविश्वास भी कम होता है और वह दूसरों से दूरी बना लेता है।
चुगली करना: चुगली करना एक ऐसी आदत है जो मनुष्य के रिश्तों को खराब कर देती है। चुगली करने से मनुष्य के बीच विश्वास की कमी होती है और वे एक-दूसरे पर शक करने लगते हैं।
नकरात्मक सोच रखना: नकरात्मक सोच रखने से मनुष्य के जीवन में सफलता की संभावना कम हो जाती है।
अपनी तारीफ करना: अपनी तारीफ करना एक ऐसी आदत है जो मनुष्य को अहंकारी बना देती है।
आलस्य एक ऐसी आदत है जो मनुष्य के जीवन में प्रगति को रोक देती है।
व्यसन एक ऐसी आदत है जो मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
आत्महत्या: आत्महत्या एक ऐसी आदत है जो मनुष्य के जीवन को समाप्त कर देती है। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी और निराश रहता है और वह अपने जीवन की कोई भी खुशी नहीं पाता है।
व्यसनी व्यक्ति अपने परिवार और समाज के लिए बोझ बन जाता है और वह अपना जीवन बर्बाद कर देता है।
नकरात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा असफलता के बारे में सोचता रहता है
अपनी तारीफ करने वाला व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है
आलसी व्यक्ति हमेशा काम करने से बचता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रहता है।
नकरात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा असफलता के बारे में सोचता रहता है