पशमीना की बड़ी सी शॉल को अंगुठी के अंदर से बाहर निकाला जा सकता है. असली पशमीना बेहद मुलायम और वजन में हल्का होता है.
रियल पशमीना पर कभी लेबल नहीं लगाया जाता, बल्कि सलाई से सिला जाता है. पश्मीना नाम एक फारसी शब्द “पश्म” से लिया गया है
पश्मीना शॉल एक महंगी और कीमती वस्तु है। इसलिए, इसे खरीदते समय सावधानी बरतना जरूरी है।
नकली पश्मीना शॉल की पहचान करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ आसान उपाय हैं जिनसे आप असली पश्मीना शॉल की पहचान कर सकते हैं।
पश्मीना शॉल का वजन हल्का होता है। एक 100x200 सेमी के पश्मीना शॉल का वजन लगभग 150 ग्राम होता है।
पश्मीना शॉल बहुत मुलायम होता है। इसे छूने पर आपको एक शानदार सनसनी का अनुभव होगा।
पश्मीना शॉल में एक चमक होती है। यह चमक पश्मीना ऊन में मौजूद प्रोटीन से आती है।
पश्मीना शॉल की बनावट महीन होती है। धागे बहुत महीन और बारीक होते हैं। पश्मीना शॉल में एक निश्चित गंध होती है।
यह गंध पश्मीना ऊन की प्राकृतिक सुगंध है। पश्मीना शॉल में बहुत कम घुंघरालेपन होता है।
पश्मीना शॉल को जलाने पर सुगंध आती है। यह सुगंध पश्मीना ऊन की जलने वाली गंध है।
पश्मीना शॉल को जलने पर एक राख का ढेर बनता है। यह राख बहुत महीन और हल्की होती है।
पश्मीना शॉल की कीमत अधिक होती है। एक असली पश्मीना शॉल की कीमत कम से कम ₹10,000 से शुरू होती है।
पश्मीना शॉल पर जीआई टैग होना चाहिए। जीआई टैग एक प्रमाण पत्र है जो यह दर्शाता है कि शॉल कश्मीर में उत्पादित पश्मीना ऊन से बनी है।