बताया जा रहा है कि पृथ्वी के मेंटल का एक हिस्सा ढहने वाला है। यह प्रक्रिया क्षेत्र के भूगर्भीय परिदृश्य को नया आकार दे सकती है।
अध्ययन के अनुसार, भारतीय प्लेट डेलामिनेशन नामक एक नई प्रक्रिया से गुजर रही है,
जिसे यूरेशियन प्लेट 60मिलियन वर्षों से देख रही है।
इस प्रक्रिया में, प्लेट का सघन हिस्सा पृथ्वी के मेंटल में जा रहा है, जिससे प्लेट के अंदर दरारें पड़ रही हैं।
डेलामिनेशन की प्रक्रिया प्लेट की स्थिरता को प्रभावित करती है।
'यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी' के भूविज्ञानी डौवे हिंसबर्गेन के अनुसार, टेक्टोनिक शिफ्ट के भीतर चलने वाली प्रक्रियाएं तेजी से बदल रही हैं।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भूभौतिकीविद् साइमन क्लेम्परर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कई बार उच्च गुणवत्ता वाली टेक्टोनिक प्लेटें टूट चुकी हैं।
ये चट्टानें पृथ्वी की पपड़ी में तनाव निर्माण को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे भूकंप का खतरा होता है।
विघटन की प्रक्रिया से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है, जिससे बार-बार शक्तिशाली भूकंप आ सकते हैं।
विद्वानों का मानना है कि यह प्रक्रिया तिब्बती पठार में शुरू हो सकती है।