TBMAUJ Box Office Collection Day 1 : पहले दिन का कलेक्शन जानकर रह जाएंगे आप दंग! नई दिल्ली: Teri Baaton Mein Aisa Uljha Jiya Box Office Collection Day 1: शाहिद कपूर की फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. सच्निल्क के ताजा आंकड़ों के अनुसार ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ ने 6 करोड़ रुपये के साथ ओपनिंग की हैं
हालांकि यह अभी फिल्म के अनुमानित आंकड़े हैं. जिसमें सुबह तक कई फेरबदल हो सकते हैं. अंग्रेजी वेबसाइट पिंकविला के मुताबिक तीन नेशनल चैन के अनुसार पीवीआर, आईनेक्स में ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ की करीब 24 हजार टिकट एडवांस बुकिंग हो चुकी है, जबकि सेनपॉलिक्स में करीब सात हजार एडवांस बुकिंग हुई है.
TBMAUJ Box Office Collection Day 1 : पहले दिन का कलेक्शन जानकर रह जाएंगे आप दंग! मौसी ने भतीजे को दिला दी रोबोट बहू
मौसी का विचार अच्छा है। वह अपने भतीजे को भारत से अमेरिका बुलाती है। भतीजा आते ही घर में काम करने वाली पर फिदा हो जाता है। इंसानी फितरत इधर पाताल में जाती है। उधर, मौसी का गुरूर है कि उनके भतीजे ने एक रोबोट के साथ ‘रात’ बिता ली और उसे पता भी नहीं चला कि वह रोबोट है। फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ एक अद्भुत विचार है, इस विचार पर बनी एक अच्छी फिल्म एक नई बहस की शुरुआत कर सकती थी
मैडॉक और जिया की लव स्टोरी
कृत्रिम मेधा तक तो फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ नहीं पहुंचती लेकिन इसे बनाने वालों की मेधा जरूर इस फिल्म में अपना इम्तिहान देती दिखती है। जियो स्टूडियोज के पास अथाह पैसा है। उनके एप जियो सिनेमा को लगातार कुछ नया दिखाने के लिए फिल्में, वेब सीरीज और भी बहुत कुछ चाहिए । विदेश से उन्हें अच्छी फिल्में व वेब सीरीज मिल भी गई हैं।
लेकिन, हिंदी सिनेमा का क्या करें, जहां उनको सबसे मेधावी निर्माता अब तक दिनेश विजन ही मिले हैं। मैडॉक फिल्म्स एक तरह से जियो स्टूडियोज का फुलटाइम वेंडर बन चुका है और समझौता जो भी हुआ हो लेकिन जियो का अपना घरेलू स्टूडियो वॉयकॉम18 भी कम हवा में इन दिनों नही हैं। TBMAUJ Box Office Collection Day 1 : पहले दिन का कलेक्शन जानकर रह जाएंगे आप दंग!
लेखन, निर्देशन, अभिनय सब बातों में उलझा
लेखन और निर्देशन में पूरी तरह फेल ये फिल्म अभिनय विभाग में भी पूरी तरह फेल है। आधी फिल्म तक तो यूं लगता रहता है जैसे शाहिद अपने ही घर में चहलकदमी कर रहे हैं। ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ जैसे हावभाव शाहिद के चेहरे के स्थायी भाव बन चुके हैं। इन स्थायी भावों ने ही ‘कबीर सिंह’ हिट कराई थी
लेकिन एक लव स्टोरी? ना बाबा ना..! उसके लिए दिनेश विजन को अपनी नजर नई खेप के नए सितारों पर जमानी चाहिए। काम कृति सेनन का भी फिल्म में बहुत अच्छा नहीं है। सिर्फ माधुरी दीक्षित के हिट गाने ‘धक धक करने लगा..’ के मुखड़े पर उनका डांस ही ये संतोष देता है कि फिल्म देखना बिल्कुल बेकार नहीं गया। कई बार तो ये भी लगता है कि कृति सेनन की एक्टिंग देखकर ही अमित और आराधना ने उनके लिए रोबोट के किरदार वाली ये फिल्म लिखी होगी।
धर्मेंद्र को अब संन्यास की जरूरत
फिल्म तकनीकी रूप से भी औसत से कमतर ही है। बैकग्राउंड म्यूजिक इसका शोर जैसा लगता है। गाने एक दो भले युवाओं में हिट हो गए हों, लेकिन ऐसे गानों की उम्र ही भला कितने दिन होती है। रंग बिरंगे, चटक रंगों वाले कॉस्ट्यूम देखकर तो कई बार ये भी लगने लगता है कि कहीं बड़े परदे पर एकता कपूर का कोई नया टीवी शो तो नहीं शुरू हो गया।
जो लोग ये फिल्म धर्मेंद्र और डिंपल कपाड़िया की वजह से देखने जाने वाले हैं, उनके लिए वैधानिक चेतावनी पहले से दे देना जरूरी है। डिंपल की संवाद अदायगी फिल्म में कृति सेनन से भी खराब है और धर्मेंद्र को अब काम करना बंद कर देना चाहिए। Climax में आग के बीच वाले sight में जिस तरह का उनका चेहरा दिखता है, सोचना पड़ता है कि आखिर अपना तिलिस्म यूं तिनका तिनका करने की उनको जरूरत क्या है?
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