Rahul kanwal : राहुल कंवल एनडीटीवी के ग्रुप सीईओ और एसोसिएट इन चीफ बन सकते हैं? मीडिया में चर्चा है कि राहुल कंवल एनडीटीवी ग्रुप में सीईओ और एसोसिएट इन चीफ के पद पर शामिल हो सकते हैं। वे बाईस साल से इंडिया ग्रुप में हैं, जिससे उनकी लॉन्चिंग की चर्चा शुरू हो गई है। इंडिया फोर्स ग्रुप में वे आजतक और इंडिया फोर्स के न्यूज डायरेक्टर हैं। वे बड़े दस्तावेजों के एकमात्र क्यूटीवी संचालक हैं।
राहुल कंवल आजतक और इंडिया टुडे में अपने नॉमिनेशन शो ‘न्यूजट्रैक’ और ‘जब वी मेट’ होस्ट करते हैं। राहुल के मंडे टीवी को लेकर एक अंग्रेजी वेबसाइट में खबर भी छपी थी, लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया।
Rahul kanwal : जब भड़ास ने राहुल कंवल से एनडीटीवी में जाने को लेकर चल रही चर्चाओं की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया, तो राहुल ने कोई जवाब नहीं दिया। भारत के शीर्ष और सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक राहुल कंवल देश के सबसे बड़े मीडिया संगठन – इंडिया ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर हैं। वे नेटवर्क के लिए समाचार जुटाने और संचालन का नेतृत्व करते हैं। राहुल भारत और दुनिया भर के प्रमुख शहरों में 500 से अधिक रिपोर्टरों की टीम का प्रबंधन करते हैं।
5 टेलीविजन चैनलों और 20 डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से कुल 48.9 करोड़ उपभोक्ताओं तक उनकी गहरी नजर और पहुंच अद्भुत है। राहुल इंडिया टुडे के प्रोटोटाइप और फ्लैगशिप प्राइम टाइम ब्रॉडकास्ट, ‘न्यूज़ट्रैक’ और बेहद लोकप्रिय वीकेंड इंटरव्यू शो, ‘जब वी मेट’ की मेजबानी करते हैं। 14 सितंबर 1980 को महाराष्ट्र के देवलाली में जन्मे राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
दरअसल, राहुल की खासियत यह है कि वे ब्रेक के साथ नए संपादकीय उत्पादों को लॉन्च करने के लिए शोरूम खोलते रहते हैं।
Rahul kanwal : वह मजबूत प्रबंधकीय क्षमता के बल पर अभिनव मेडिकल कॉलेज स्थापित करते हैं। उनकी सबसे पुरानी डॉक्यूमेंट्री मई 2019 में भारतीय आम चुनावों पर है। जन्म से लेकर कलाकारों के शिखर सम्मेलन तक उन्होंने इंडिया टुडे में जो संपादकीय प्रोजेक्ट बनाए रखे हैं, उनकी कल्पना देश भर के किसी अन्य न्यूजरूम में नहीं की जा सकती उनकी एक और बड़ी उपलब्धि है एंटी-फेक न्यूज वॉर-रूम (AFWA) जो फर्जी खबरों के खतरे से बाहर निकलने के लिए बनाया गया है। इसके अलावा उन्होंने एथनिक इंटेलिजेंस डेस्क (OSINT) को मजबूती से लॉन्च किया, जो आधुनिक डिजिटल फॉरेक्स के लिए रिसर्च लॉजिक को धार देता है।
राहुल को 7 रिव्यू4मीडिया ब्रॉडकास्टिंग रिकॉर्ड्स, 2 इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स और 4 न्यूज टेलीविजन अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने पिछले एक दशक में कई ऐसी खोजी कहानियां की हैं, जिसने उन्हें विधायिका में स्थापित करने का काम किया।
राहुल और उनके खोजी पत्रकारों की टीम ने एक के बाद एक ऐसे प्रदर्शन किए, जिसमें जनप्रतिनिधियों को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा।
Rahul kanwal : इसके साथ ही महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव सामने आए। ऐसे समय में जब भारतीय पत्रकारिता को राजनीतिक, धार्मिक और धार्मिक आधार पर कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, राहुल गांधी अपनी जमीन पर डटे हुए हैं। उनका ध्यान हमेशा अजेय कहानी के दोनों सितारों को पेश करने पर रहा है, न कि अजेय हिंसा की एक हकीकत को आगे बढ़ाने पर।
राहुल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
Rahul kanwal : वह शेवनिंग स्कॉलर हैं और उन्होंने कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म में प्रोग्राम किया है। उन्होंने रोरी पेक ट्रस्ट ग्रांट पाने के लिए हॉस्टल और वोएजर जर्नलिज्म में कोर्स किया। फिटनेस मंत्र के कट्टर अनुयायी राहुल को रेसिंग स्पोर्ट्स का बहुत शौक है। व्हाइट वाटर कयाकिंग और स्कीइंग उनके लिए एक नया जुनून है। इसी तरह, हमेशा खबरों में रहने वाले राहुल को नॉन-फिक्शन किताबें पढ़ना और फुर्सत मिलने पर अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद है।