khatu shyam mandir : खाटू श्याम जी इस दिन खाटू श्याम जी के चरणों में करें प्रार्थना, हर समस्या का होगा समाधान मान्यता है कि खाटू श्याम जी (बाबा खाटू श्याम) व्यक्ति का सहारा बनते हैं और उसे दुखों से बचाते हैं। जैसे उन्हें तीन बाण धारी हारे का सहारा, शीश का दानी और लखतार भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से बाबा के चरणों में पहुंचता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर की मान्यता काफी भव्य है। यहां हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। कुछ खास मौकों पर तो बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में जानिए खाटू श्याम बाबा के चरणों में प्रार्थना करने के लिए कौन सा दिन सबसे अच्छा है।
कौन हैं खाटू श्याम जी खाटू श्याम जी की कहानी महाभारत युद्ध से जुड़ी है।
khatu shyam mandir : दरअसल भीम के पुत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। कई विद्वानों के अनुसार इन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी माना जाता है। कथा के अनुसार बर्बरीक भी महाभारत के युद्ध में भाग लेना चाहता था। तब उसकी माता ने उसे युद्ध में जाने का आदेश दिया और कहा कि तुम हारने वाले का साथ देना। भगवान कृष्ण जानते थे कि बर्बरीक जिस भी पक्ष से लड़ेगा, युद्ध में उसकी जीत होगी। जबकि कौरव पराजय की स्थिति में थे। इसलिए भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का वेश धारण किया और बर्बरीक से उसका सिर दान में मांग लिया। बाद में बर्बरीक जी के बलिदान को देखकर भगवान कृष्ण ने उन्हें कलियुग में उनके नाम से पूजे जाने का आशीर्वाद दिया। इसलिए आज बर्बरीक जी खाटू श्याम के नाम से प्रसिद्ध हैं।
किस दिन करें दर्शन 1. खाटू श्याम जी के दर्शन आप कभी भी कर सकते हैं। लेकिन पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को खाटू श्याम जी के दर्शन का विशेष फल मिलता है। मान्यता है कि इस दिन बाबा खाटू श्याम आपकी मनोकामनाएं जल्द पूरी करते हैं 2. बाबा खाटू श्याम की मान्यता दूर-दूर तक है।
बाबा खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है।
khatu shyam mandir : सीकर: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित विश्व मंदिर खाटू श्याम मंदिर के भक्तों के लिए एक अहम जानकारी सामने आई है, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है, खासकर अगर आप आज 30 मार्च को बाबा श्याम के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं। श्री श्याम मंदिर समिति, खाटूश्यामजी, सीकर ने घोषणा की है कि शनिवार 29 मार्च रात 10 बजे से रविवार 30 मार्च शाम 5 बजे तक मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान न तो दर्शन हो सकेंगे और न ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। श्याम प्रभु के दर्शन बंद करने के पीछे बाबा श्याम की भक्ति और परंपरा के पीछे एक खास वजह है।
क्यों बंद हैं खाटू श्याम बाबा के दर्शन? खाटू श्याम बाबा का सिंजारा महोत्सव 30 मार्च को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इसके साथ ही अगले दिन यानि 29 मार्च को परंपरानुसार विशेष सेवा, पूजन, तिलक और श्रृंगार का आयोजन किया जाता है। इस दिन बाबा श्याम का विशेष अज्ञातवास होना था, जिसके लिए मंदिर समिति को अंतिम अज्ञातवास की आवश्यकता है। श्री श्याम मंदिर समिति के अध्यक्ष कालूसिंह चौहान ने बताया कि इस दौरान बाबा की सेवा और पूजन में किसी तरह की बाधा न आए, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है। यानि 20 घंटे के इस बंद के बाद शाम 5 बजे जब मंदिर के पट खुलेंगे, तो भक्तों को बाबा के दिव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
हर माह दिवाली, होली, वार्षिक मेले और विशेष त्योहारों पर आम दर्शन बंद रहते हैं,
khatu shyam mandir : हालांकि एक परंपरा चली आ रही है। लेकिन अगर आप बिना किसी तैयारी के खाटूश्याम पहुंच गए, तो आपको काफी इंतजार करना पड़ सकता है। मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ हो सकती है, खासकर उन लोगों की जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है। दूर-दराज से आने वाले भक्तों को थकान और मंदी का सामना करना पड़ सकता है यदि उनकी योजना दर्शन बंद होने के समय तक देरी हो जाती है।
सीकर और खाटूश्याम में होटल या धर्मशालाओं में जगह की कमी हो सकती है, क्योंकि भक्त कई का इंतजार करने का फैसला कर सकते हैं।
khatu shyam mandir : अपनी यात्रा की योजना ऐसे बनाएं कि परेशानी से छुटकारा मिल सके श्री श्याम मंदिर समिति ने भक्तों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस तरह से बनाएं कि दर्शन बंद की अवधि के दौरान कोई परेशानी न हो। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं जैसे 30 मार्च को शाम 5 बजे तक पहुंचें। यदि आप दर्शन के इच्छुक हैं, तो रविवार को शाम 5 बजे के बाद का समय चुनें।
इस बार आपको मंदिर के कपाट खुलने पर ही बाबा के विशेष दर्शन का मौका मिलेगा। अगर आप 29 या 30 मार्च को एक दिवसीय यात्रा करने जा रहे हैं, तो अपनी यात्रा एक दिन के लिए स्थगित कर दें बांदा में दर्शन के दौरान मंदिर क्षेत्र में हर तरफ भीड़ रहती है।बाबा का अंदाज, इंतजार का फल होगा मीठा