अंग प्रत्यारोपण के बाद कभी-कभी रहस्यमय व्यक्तित्व परिवर्तन होते हैं

अंग प्रत्यारोपण के बाद व्यक्तित्व परिवर्तन

क्या व्यक्तित्व का दिल में वास होता है?

यह माना जाता रहा है कि दिल में किसी व्यक्ति का सार होता है।

दिल और आत्मा का सम्बन्ध

1967 में पहले मानव हृदय प्रत्यारोपण के बाद से रोगियों ने अपने व्यक्तित्व में बदलाव बताए हैं।

अंग प्रत्यारोपण का इतिहास

कुछ रोगियों का कहना है कि वे दाता के समान अधिक महसूस करते हैं। उदाहरण के लिए, एक रोगी को संगीत के प्रति प्रेम हो गया।

अनुभव

नया अध्ययन बताता है कि यह सिर्फ दिल के प्रत्यारोपण के साथ नहीं होता।

अंग प्रत्यारोपण से परे

कोलोराडो विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि 23 हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं और 24 अन्य अंग प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ताओं में से 90 प्रतिशत को सर्जरी के बाद व्यक्तित्व परिवर्तन का अनुभव हुआ।

अध्ययन का सार

अधिकांश रोगियों ने स्वभाव, भावनाओं, भोजन, पहचान, धार्मिक/आध्यात्मिक विश्वासों या यादों में परिवर्तन का अनुभव किया।

परिवर्तनों का स्वरूप

अध्ययन अभी प्रारंभिक अवस्था में है और निर्णायक नहीं है।

अध्ययन की सीमाएं

यह अध्ययन विभिन्न अंग प्रत्यारोपण के बाद होने वाले व्यक्तित्व परिवर्तनों को मापने वाले पहले अध्ययनों में से एक है।

व्यापक प्रभाव

पहले के अध्ययन हृदय प्रत्यारोपण पर केंद्रित थे क्योंकि ये परिवर्तन सबसे अधिक चरम और स्थायी माने जाते थे।

पूर्व के अध्ययन

व्यक्तित्व परिवर्तन के कारणों को अभी पूरी तरह से समझा नहीं गया है।

व्यक्तित्व परिवर्तन के संभावित कारण

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि स्मृतियां पूरे शरीर में संग्रहीत होती हैं।

स्मृति परिकल्पना

यदि व्यक्तित्व परिवर्तन वास्तव में आम हैं, तो आगे के शोध की सख्त जरूरत है। 2022 में दुनिया भर में 150,000 से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए गए।

आगे के शोध की आवश्यकता

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